पेड़ (कविता)

पेड़ (कविता)

मैं हूँ हरा-भरा एक पेड़फल – फूल से लदा कदापशु-पक्षियों का घर हूँ मैंइन्सानों का मित्र सदा । अगर काट दोगे मुझकोतो छांव कहाँ से पाओगेमित्र बनोगे अगर हमारेखुशहाली तुम पाओगे। डॉ. दीपिका जोशी चौहान  

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2023 – Tales Troupe